UPPSC NEWS :: पीसीएस की पिछली तीन भर्तियों में स्कैलिंग एव मॉडरेशन न होने से प्रभावित छात्रों ने आयोग अध्यक्ष से मिलने का माँगा वक़्त , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
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पीसीएस 2018, 2019 व 2020 में स्केलिंग एवं मॉडरेशन नहीं होने से प्रभावित प्रतियोगी छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात का समय मांगा है। छात्रों का तर्क है कि स्केलिंग व मॉडरेशन न होने से मानविकी के वैकल्पिक विषयों जैसे इतिहास, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, राजनीति शास्त्र एवं अन्य से चयन न के बराबर हुए हैं।
विशेषतौर से उच्च पदों जैसे डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी आदि को तकनीकी एवं साहित्य जैसे वैकल्पिक विषय वाले छात्रों ने आनुपातिक ढंग से अत्यधिक रूप से प्राप्त कर लिए हैं। जिसके कारण मानविकी वैकल्पिक विषयों एवं तकनीकी व साहित्य जैसे वैकल्पिक विषयों के बीच असाम्यता पैदा हो गई। जबकि मुख्य परीक्षा में मानविकी विषय वाले छात्रों का प्रतिशत अधिक रहता है।
आयोग 1996 से 2017 तक अनिवार्य विषयों में मॉडरेशन व वैकल्पिक विषयों में स्केलिंग प्रक्रिया को निष्पक्षता व पूर्ण ढंग से लागू करता आ रहा है। 2018 के पूर्व में सम्पन्न सभी प्रवर अधीनस्थ परीक्षाओं में घोषित अंकपत्रों में प्राप्तांक एवं स्केल्ड मार्क्स दोनों दिए जाते रहे हैं। पीसीएस 2020 में एक टॉपर छात्र को रसायन विज्ञान वैकल्पिक विषय में 400 में से 352 अंक मिले जिसमें प्रथम प्रश्नपत्र में ही 200 में से 190 अंक प्राप्त हुए।
ऐसे बहुत उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जबकि मानविकी विषयों में 400 में से 250 अंक लाना ही बहुत मुश्किल होता है। भविष्य में होने वाली पीसीएस 2021 आदि परीक्षा में ऐसा हाल न हो और वर्तमान हालात में भी सुधार हो, इसलिए मिलने का अनुरोध किया है।
स्केलिंग खत्म करने का छात्रों ने किया विरोध
युवा मंच ने स्केलिंग और मॉडरेशन खत्म करने का विरोध किया है। संयोजक राजेश सचान ने जनसंपर्क के दौरान कहा कि स्केलिंग खत्म करने से आयोग की कार्यप्रणाली कटघरे में खड़ी हो गई है। पीसीएस परीक्षा में नियम कानूनों व सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखकर स्केलिंग खत्म करने पर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
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