फर्जीवाड़ा ::: FCI में नौकरी के नाम पर युवाओ के साथ धोखाधड़ी , जाली नियुक्ति पत्र देकर 1.75 करोड़ की ठगी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
फर्जीवाड़ा ::: FCI में नौकरी के नाम पर युवाओ के साथ धोखाधड़ी , जाली नियुक्ति पत्र देकर 1.75 करोड़ की ठगी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों ने 1.75 करोड़ रुपये ठग लिये। ज्वाइनिंग के लिए दो साल से टालमटोल करता रहा। जब पीड़ितों ने रुपये वापस मांगे तो धमकी देने लगा। इंदिरानगर सेक्टर-14 निवासी मनीष कुमार राय ने 11 जालसाजों के खिलाफ महानगर थाने में तहरीर दी। जिसमें आरोप है कि जालसाजों ने निगम में नौकरी कई किस्तों में रुपये वसूले। पुलिस ने तहरीर के आधार पर राकेश सिंह, रवि प्रकाश सिंह, राजन चौबे उर्फ विक्की चौबे, उनकी पत्नी कविता चौबे, अनूप श्रीवास्तव, उसका भाई संजू श्रीवास्तव, अभिषेक दुबे, राज रस्तोगी, जितेंद्र, अमरेंद्र सिंह और नीरज पांडेय के खिलाफ जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
इंदिरानगर सेक्टर-14 निवासी मनीष कुमार राय इंडो फार्म कम्पनी में काम करते थे। उनके साथ सत्य प्रकाश त्रिपाठी भी काम करते थे। दोनों में अच्छी दोस्ती थी। सत्यप्रकाश के जरिए ही मनीष राय की मुलाकात दामोदरपुर नियर बरौसा सुल्तानपुर निवासी अभिषेक दुबे और विकासनगर सेक्टर-6 निवासी नीरज पांडेय से 2019 में हुई। बातचीत के दौरान अभिषेक ने मनीष से कहा कि एफसीआई में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के कई पदों पर नियुक्तियां निकली है। जिसे वह सीधे साक्षात्कार के जरिए गोपनीय तरीके से करा देगा। इस पर मनीष ने अपने परिवार के तीन बच्चों के लिए बातचीत की। प्रति नियुक्ति के लिए 8 लाख रुपये में सौदा तय किया। अभिषेक व नीरज पांडेय ने तीनों के लिए एडवांस दो-दो लाख रुपये जमा कराने को कहा। इसी बीच मनीष के कई और रिश्तेदार नियुक्ति कराने के लिए तैयार हो गये। मनीष के मुताबिक उनके 22 करीबी रिश्तेदारों ने बेरोजगार युवकों को नौकरी लगवाने के लिए संपर्क किया। उन्होंने सभी से रुपये लेकर 22 लाख रुपये की पहली किस्त महानगर के क्लासिक होटल में दी। इसके बाद कई किस्तों में खाते व नकदी के रूप में कुल मिलाकर 1.75 करोड़ रुपये जासलाजों को दिया। मनीष ने बताया कि शुरूआती दौर में जालसाजों ने साक्षात्कार के लिए उनके परिवार के बच्चों को दिल्ली बुलाया। वहां एक होटल में ठहरवाया। इसके बाद साक्षात्कार करवाया। साथ ही उनको ग्रेटर नोएडा में प्रशिक्षण देने की बात कही।
एफसीआई कर्मचारियों को भी किया शामिल
मनीष का आरोप है कि जालसाजों ने दिल्ली में दो लोगों से मिलवाया। जिसमें राजन चौबे उर्फ विक्की चौबे और उनकी पत्नी कविता चौबे शामिल हैं। दोनाें के बारे बताया कि एफसीआई में अच्छे पद पर तैनात है। इन्हीं के जरिए नियुक्ति कराई जा रही है। कविता की तैनाती बारह खंभा एफसीआई नई दिल्ली में बताई गई। मनीष जालसाजों के झांसे में आ गये। उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों के बच्चों को भी नियुक्ति कराने के लिए हामी भर दिया। इसके बाद एक-एक कर सभी के हिस्से के रुपये भी जमा करने लगे।
अनूप व नीरज के खाते में जमा कराई रकम
मनीष के मुताबिक 1.75 करोड़ रुपये उन्हाेंने कई किस्तों में दिया। इस रकम में 5370000 रुपये नीरज पांडेय के खाते में जमा कराया। इसके अलावा 67 लाख रुपये लखीमपुर खीरी के नई बस्ती निवासी अनूप श्रीवास्तव के खाते में जमा कराया। वहीं 44.55 लाख रुपये कई बार में नकदी सुपुर्द किया। मनीष का आरोप है कि रुपये लेने के लिए जालसाज दबाव बना रहे थे। अंतिम बार 15 लाख रुपये खाते मे जमा कराया। इसके लिए पहले जालसाजों ने धमकी दी कि अगर एक दिन के अंदर 15 लाख रुपये नहीं मिले तो किसी की नियुक्ति नहीं होगी। रकम मिलने के तीसरे दिन सभी को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा। लेकिन रकम मिलने के बाद वह बार-बार टालमटोल करते रहे। इसके बाद पिछले साल कोविड संक्रमण के कारण लॉक डाउन हो गया। इस दौरान भी वह जालसाजों से लगातार संपर्क करते रहे। लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हो सकी। जनवरी 2021 में अभिषेक पॉलीट ेकिभनक चोराहे परमिला। मनीष ने दबाव बनाया तो उसने पूरी रकम वापस करने को कहा। इसकेलिए दस दिन का समय मांगा था। लेकिन वहां से छूटने के बाद वह धमकी देने लगा।
पकड़ाया फर्जी नियुक्ति पत्र, कराया प्रशिक्षण
मनीष का आरोप है कि जालसाजों ने सभी अभ्यर्थियों को फर्जी नियुक्ति पत्र पकड़ाया। इसकेलिए उन्होंने ग्रेटर नोएडा के होटल एवा ग्रीन में कुछ अभ्यर्थियों को बुलाया। जिनकी नियुक्ति नोएडा और दिल्ली में देने की बात कही थी। इन सभी को वहीं पर एफसीआई के सील लगे लिफाफे में नियुक्ति पत्र पकड़ाया। इसके अलावा कुछ लोगों को विभूतिखंड थाने के पास स्थित एफसीआई के मुख्यालय पर पहुंचकर बाहर नियुक्ति पत्र दिया। मनीष के मुताबिक सभी नियुक्ति पत्र पर बार कोड था। ताकि किसी को ठगी का अहसास न हो। जालसाजों ने अभ्यर्थियों को दिल्ली, नोएडा, गोरखपुर, बस्ती, हापुड़, बलिया, कानपुर सहित कई जिलों में तैनाती का पत्र दिया था। जब वहां पहुंचे तो नियुक्ति पत्र फर्जी निकला। इन जिलों में तैनात अधिकारियों ने जैसे ही नियुक्ति पत्र के बार कोड को स्कैन किया तो वह जाली मिले। इसके बाद अभ्यर्थियों को फटकार लगाकर वापस भेज दिया। आरोप है कि जालसाजों ने नियुक्ति के पहले सभी का प्रशिक्षण भी कराया था। इसके लिए ग्रेटर नोएडा के होटल में ठहरने का इंतजाम किया। वहीं से साजिश के तहत एक गोदाम में ले जाकर सभी को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसी भी अभ्यर्थी को रुपये नहीं दिये गये। ट्रेनिंग के दौरान रजिस्टर भरवाया जाता था। यह सिलसिला छह महीनों तक चलता रहा।
पूरे देश में फैला है नेटवर्क, सौ से अधिक से कर चुके है ठगी
इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। खासकर यह गिरोह पूर्वांचल, बिहार, झारखंड के बेरोजगार युवकों को निशाना बनाता है। इन प्रदेशों में इनका नेटवर्क फैला है। जिन जालसाजों पर आरोप है। उसमें सभी लखनऊ, नोएडा, लखीमपुर खीरी के रहने वाले है। इसमें जवाहर भवन लखनऊ में काम करने वाला एक कर्मचारी राकेश सिंह, रवि प्रकाश सिंह, ग्रेटर नोएडा निवासी राजन चौबे उर्फ विक्की चौबे, उनकी पत्नी कविता चौबे, लखीमपुर खीरी का अनूप श्रीवास्तव, उसका भाई संजू श्रीवास्तव, सुल्तानपुर का अभिषेक दुबे, खीरी का राज रस्तोगी, जितेंद्र, अमरेंद्र सिंह और विकासनगर का नीरज पांडेय शामिल हैं। मनीष के मुताबिक तहरीर में एक और नीरज पांडेय का नाम है। जो गलती से लिख गया था।
अनूप व नीरज है गिरोह के सरगना
प्रभारी निरीक्षक महानगर प्रदीप सिंह के मुताबिक मनीष राय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का सरगना अनूप श्रीवास्तव व नीरज पांडेय हैं। अभिषेक, संजू, राकेश, राजन चौबे, कविता व अन्य सदस्य लोगों को झांसा देकर वसूली करने में मदद करते हैं। पुलिस ने मनीष के जरिए कई आरोपियों के मोबाइल नंबर व अन्य जरूरी जानकारी हासिल कर ली है। गिरोह केसभी सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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