Sunday 18 July 2021

UPPSC NEWS ::: पीसीएस 2019 और 2020 के कटऑफ अंक और मार्कशीट जारी , स्केल्ड अंक गायब , साइंस वर्ग के अभ्यर्थियों पर बरसे अंक , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

UPPSC NEWS ::: पीसीएस  2019 और 2020 के कटऑफ अंक और मार्कशीट जारी , स्केल्ड अंक गायब , साइंस वर्ग के अभ्यर्थियों पर बरसे अंक , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 





उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने शनिवार को पीसीएस 2019 और 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के प्राप्तांक और कटऑफ अंक जारी कर दिए। हालांकि अभ्यर्थियों की मार्कशीट में स्केल्ड या नॉन स्केल्ड अंकों की अलग से जानकारी नहीं दी गई है। केवल प्राप्तांकों के बारे में बताया गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों का यह दावा पुख्ता हो रहा है कि आयोग ने पीसीएस 2019 और 2020 में स्केलिंग नहीं की। हालांकि आयोग ने अभी इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसके साथ ही तमाम अभ्यर्थियों की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनसे यही संकेत मिल रहे हैं कि साइंस वालों पर नंबर जमकर बरसे और मानविकी वालों को कम अंक मिले।

यूपीपीएससी पहले प्रारंभिक परीक्षा के अंक भी जारी करता था, लेकिन इस बार प्रारंभिक परीक्षा के प्राप्तांक जारी नहीं किए गए। केवल अनिवार्य/वैकल्पिक विषयों/प्रश्रपत्रों के प्राप्तांक एवं साक्षात्कार के प्राप्तांक और कुल योग तथा परीक्षा में शामिल सभी पदों पर चयन के बाद अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों के पदवार एवं श्रेणीवार कटऑफ अंक जारी किए गए हैं। यूपीपीएससी पहले मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंकों की जानकारी देता था। बाद में केवल स्केल्ड अंकों की जानकारी दी और अब पीसीएस 2019 एवं 2020 की मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड दोनों प्रकार के अंक हटा दिए गए। मार्कशीट में केवल प्राप्तांक के बारे में जानकारी दी गई है। 

अभ्यर्थी लगातार दावा कर रहे थे कि आयोग ने पीसीएस-2019 से स्केलिंग को समाप्त कर दिया है। मार्कशीट जारी होने के बाद उनका दावा पुख्ता हो रहा है। मार्कशीट में अंक पूर्णांक में दिए गए हैं, जबकि स्केलिंग होने की स्थिति में अंक दशमलव में दिए जाते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि स्केलिंग न होने के कारण ही विज्ञान विषय एवं अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों को अधिक अंक मिले और इसी वजह से उनका उच्च पदों पर चयन हुआ, जबकि मानविकी विषयों और हिंदी माध्यम के साथ परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों को काफी अंक मिले हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अभ्यर्थियों की मार्कशीट इसका उदाहरण हैं, जहां साइंस के छात्रों को मुख्य परीक्षा में 400 अकों मेें से साढ़े तीन सौ तक अंक मिले हैं। वहीं, मानविकी के बहुत से अभ्यर्थियों को 250 अंकों से भी कम मिले हैं। उदाहरण के तौर पर केमेस्ट्री विषय एक अभ्यर्थी को 400 में 327 अंक मिले हैं और हिंदी विषय में एक अन्य अभ्यर्थी को 245 अंक मिले हैं। अभ्यर्थी ऐसे कई उदाहरणों के आधार पर दावा कर रहे हैं कि आयोग की ओर से किए गए बदलाव के कारण मानविकी विषयों और हिंदी माध्यम वाले छात्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।



 

CLICK HERE TO JOIN OUR OFFICIAL TELEGRAM CHANNEL

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home