Friday, 16 July 2021

UP POLICE NEWS ::: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में रिक्तियों से अधिक चयनित हुए 856 अभ्यर्थियों के समायोजन पर फंसा पेंच , हाई कोर्ट पहुंचे तमाम अभ्यर्थी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

UP POLICE NEWS ::: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती  में रिक्तियों से अधिक चयनित हुए  856 अभ्यर्थियों के समायोजन पर फंसा पेंच , हाई कोर्ट पहुंचे तमाम अभ्यर्थी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस में 2009 में विज्ञापित 3500 आरक्षियों की नियुक्ति के मामले में विज्ञापित पदों से 856 ओबीसी म‌हिला अभ्यर्थियों को चयनित करने और फिर उन्हें 2014 की आगामी रिक्तियों में समायोजित करने के मामले में राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है।

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति पीयूष अगवाल की खंडपीठ ने मुकेश गोस्वामी व नौ अन्य की विशेष अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी एवं एडवोकेट विभू राय को सुनकर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से पूछा है कि 856 चयनित महिला अभ्यर्थियों को किस वर्ष की रिक्तियों में शामिल किया गया है। साथ ही पुलिस भर्ती बोर्ड से 10 दिन में यह बताने को कहा है कि क्या 2009 की भर्ती में अतिरिक्त चयनित अभ्यर्थियों को बाद में नियुक्तियां दी गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व अधिवक्ता विभू राय का कहना था कि 2009 की भर्ती में भर्ती बोर्ड ने ओबीसी कटेगरी की 856 महिला अभ्यर्थियों को जनरल कोटे में नियुक्ति दे दी। इसके खिलाफ याचिका हुई तो हाईकोर्ट ने माना कि चयन गलत हुआ है और घोषित पदों के सापेक्ष अतिरिक्त चयन किया गया है। एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ पुलिस भर्ती बोर्ड की विशेष अपील और सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका खारिज हो गई। इसके बाद राज्य सरकार ने 2014 में शासनादेश जारी कर भविष्य की रिक्तियों के सापेक्ष इन चयनित अभ्यर्थियों को समायोजित कर दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता का तर्क था कि पदों को बढ़ाए बगैर अतिरिक्त चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा सकती और यदि पद बढ़ाए जाते हैं तो उसमें आरक्षण लागू करना अनिवार्य होगा। पुलिस भर्ती बोर्ड ऐसा किए बगैर नियुक्तियां नहीं कर सकता। कोर्ट ने सरकार व बोर्ड से जानना चाहा है कि अतिरिक्त चयनित अभ्यर्थियों को किन रिक्तियों के सापेक्ष नियुक्ति दी गई है।




 


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